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सर्वोत्तम शुरुआत

सर्वोत्तम शुरुआत । 

हो सुंदर शुरुआत सवेरा।
मधुर भविष्य लगाए फेरा।।

कर प्रारंभ सदा मन मोहक 
वर्ष बने यह शुभ उद्बोधक।।

दूर करो हर दृष्टि विसंगति।
मानव मानव की शुभ संगति।।

आनेवाला कल अति  सुखदा।
मनोवृत्ति हो निर्मल शुभदा।।

सबके मन में पुण्य समाए।
रम्य भावना नित गरमाए।।

परहितवादी सपना आए।
वैश्विक मानव दिल में छाए।।

सबका हो सम्मान धरा पर।
गर्व करें हम परंपरा पर।।

धर्म कर्म के प्रति प्रिय चिंतन।
मानवता का हो अभ्यर्थन।।

सुंदर दिल का हो मधु सावन।
जीवन सरल सहज अति पावन।।

साहित्यकार: डॉक्टर रामबली मिश्र वाराणसी

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